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  ॐ गौ माताय नमो नमः 

                                           

 गऊमाता के शरीर में निवास करते हैं ३३ करोड़ देवता 


 गाय के शरीर में ३३ करोड़ देवता वास करते हैं। जिस घर में गऊ माता का निवास होता है उस घर से व्याधियां कोसों दूर रहती हैं। श्री भाटी ने कहा कि गाय हमारी मां है, उससे प्राप्त दूध, घी, मक्खन से शरीर पुष्ट बनता है और गाय के बछड़े खेती के काम आते हैं। उन्होंने कहा कि गाय का गोबर और यहां तक की उसका मूत्र भी विभिन्न दवाइयां बनाने के काम आता है। उन्होंने माना कि आज खेती भी हाईटेक हो गई है, लेकिन फिर भी गाय के बछड़ों का महत्व कम नहीं हुआ है। श्री भाटी गोपाष्टमी के मौके पर गऊ पूजन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से अपने घर में गाय पालने का आग्रह किया जिससे शुद्ध दूध भी बच्चों को मिल सके। श्री भाटी ने कहा कि गाय ही ऐसा धन है जो अन्य पशुओं में सर्वश्रेष्ठ और बुद्धिमान माना जाती है। गाय के मूत्र में कैंसर, टीवी जैसे गंभीर रोगों से लड़ने की क्षमता होती है, जिसे वैज्ञानिक भी मान चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिस घर में गौ पालन होता है उस परिवार के बच्चे अन्य के मुकाबले रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक रखते हैं। श्री भाटी ने गौ पूजन के बाद उनकी आरती उतारी और चरण स्पर्श कर देश को धनधान्य से भरपूर रखने की कामना की।

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गौमाता की महिमा गौमाता सर्वदेवमयी है । अथर्ववेद में रुद्रों की माता, वसुओं की दुहिता, आदित्यों की स्वसा और अमृत की नाभि- संज्ञा से विभूषित  किया गया है ।  गौ सेवा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों तत्वों की प्राप्ति सम्भव बताई गई है ।  भारतीय शास्त्रों के अनुसार गौ में तैतीस  कोटि देवताओं का वास है । उसकी पीठ में ब्रह्मा, गले में विष्णु और मुख में रुद्र  आदि देवताओं का निवास है । इस प्रकार सम्पूर्ण देवी-देवताओं की  आराधना केवल गौ माता की सेवा से ही हो जाती है ।   गौ सेवा भगवत् प्राप्ति के अन्य साधनों में से एक है । जहां भगवान मनुष्यों के इष्टदेव है,  वही गौ  को भगवान के इष्ट   देवी माना है । अत: गौ सेवा से लौकिक लाभ तो मिलतें ही हैं पारलौकिक लाभ की प्राप्ति भी हो जाती है । शास्त्रों में उल्लेख है कि धर्म, अर्थ ,काम और मोक्ष इन चारों पुरुषार्थों की सिद्धि गौ से ही सम्भव है ।  गौ  सेवा से मनुष्य को  धन, संतान और दीर्घायु प्राप्त होती हैं ।   गाय जब संतुष्ट होती है  तो वह...